पारद शिवलिंग के लाभ Can Be Fun For Anyone

घर में पारद शिवलिंग होने से बुरी शक्तियों का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। जिस घर में पारद शिवलिंग की पूजा होती है, वहां स्वयं भगवान शंकर का वास होता है।

ऐसा माना जाता है कि पारद शिवलिंग में सभी ज्योतिर्लिंगों का वास होता है। सिर्फ जल और पुष्प अर्पण करके ही पारद शिवलिंग की सच्चे मन से पूजा की जाए तो उपासक को अंगिनत लाभ मिलते है। खास बात यह है कि पारद शिवलिंग की पूजा प्राण प्रतिष्ठा के बिना की जा सकती है।

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आपण ह्या लेखात पारद शिवलिंग बद्दल जाणून घेऊया.

उसके बाद आपको शिव जी की आरती करनी चाहिए और प्रसाद आदि लेना चाहिए।

पारद शिवलिंग की पूजा: सावन के पवित्र महीने की शुरुआत होने जा रही है। सावन का भगवान शिव जी की पूजा के लिए बहुत उत्तम माना जाता है। सावन मास में शिवलिंग अभिषेक और पूजा बेहद फलदायी मानी जाती है। अगर शुद्ध पारद के शिवलिंग (पारदेश्वर) की पूजा की जाए तो बात ही क्या।

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हिन्दू धर्म में शिव की पूजा का अत्यधिक महत्व होता है। शिव जी का पूजन करना शुभ माना जाता है। सनातन धर्म में शिव जी के स्वरूप शिवलिंग की पूजा की जाती है। कहा जाता है जो भी शिवलिंग की पूजा करता है। उस पर भगवान शिव का आशीर्वाद बना रहता है। शिवलिंग की पूजा में सबसे महत्वपूर्ण होता है पारद शिवलिंग। पारद शिवलिंग की पूजा करना अत्यधिक get more info महत्वपूर्ण होता है।

साथ ही आपको हाथ में चावल और फूल लेकर माता पार्वती का ध्यान करना चाहिए और चावल को शिवलिंग पर चढ़ा देना चाहिए।

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साथ ही इसका आकार आपके अंगूठे के ऊपर वाले पोर से ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए।

पं. शर्मा के अनुसार घर में हाथ के अंगूठे के पहले भाग से बड़ा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए। जहां शिवलिंग रखा हो, वहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। रोज सुबह-शाम शिवलिंग के पास दीपक जलाएं। भोग लगाएं। घर में क्लेश न करें और शिवजी के मंत्रों का जाप करें।

शिवलिंग के शब्दिक अर्थ की बात की जाए तो शिव का अर्थ 'परम' कल्याणकारी है और लिंग का अर्थ 'सृजन' या 'प्रतीक' है। तो, शिवलिंग एक तरह से भगवान शिव का प्रतीक है। पुराणों के अनुसार शिवलिंग के मूल में ब्रह्मा, मध्य में भगवान विष्णु और ऊपर के भाग में भगवान शंकर विराजमान हैं।

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